Wednesday 20 April 2016

kitne jarurI hai Hastrekha vigyan me maniband rekha

कितनी महत्वपूर्ण है हस्तरेखा विज्ञान में मणिबंध रेखा 



कलाई पर मौजूद आड़ी रेखाएं मणिबंध रेखाएं कहलाती है। हस्तरेखा विज्ञान के अनुसार कलाई पर दिखाई देने वाली इन रेखाओं से व्यक्ति के जीवन और भाग्य की जानकारी प्राप्त की जा सकती है। इन रेखाओं के आधार पर व्यक्ति की आयु का भी आकलन किया जा सकता है। हर व्यक्ति की कलाई में मणिबंध रेखा की संख्या अलग-अलग होती है।



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ज्योतिषशास्त्र की मान्यता जिस व्यक्ति की कलाई पर चार मणिबंध रेखाएं बनती हैं उनकी आयु सौ वर्ष हो सकती है। जिसकी कलाई में तीन मणिबंध रेखाएं होती है। उनकी आयु 75 वर्ष की होती है। दो रेखाएं होने पर 50 वर्ष और एक मणिबंध होने पर आयु 25 वर्ष मानी जाती है। यानी एक मणिबंध रेखा लगभग 25 वर्ष के अंतराल को दर्शाती है।

यदि मणिबंध रेखाएं टूटी हुई हों या छिन्न-भिन्न हो तो उस व्यक्ति के जीवन में बराबर बाधाएं आती रहती है। मणिबंध रेखा जंजीरदार होने पर व्यक्ति को जीवन में बहुत सारी उलझनों का सामना करना पड़ता है। इसके विपरित यदि ये रेखाएं निर्दोष और स्पष्ट हो तो प्रबल भाग्योदय होता है। मणिबंध पर यव यानी गेहूं की आकृति के समान चिन्ह हो तो यह चिन्ह सौभाग्य सूचक माना जाता है।
मणिबंध रेखा पर द्वीप का चिन्ह होना जीवन में अनेक दुर्घटनाओं का संकेत देता है। दो मणिबंध रेखाओं का आपस में मिल जाना दुर्भाग्यशाली माना जाता है। इससे दुर्घटना में शरीर के किसी अंग की विशेष क्षति का संकेत मिलता है। मणिबंध की रेखाएं जितनी अधिक स्पष्ट और गहरी होती है। उतनी ही ज्यादा अच्छी मानी जाती है।

हस्त रेखा विज्ञान के अनुसार मणिबंध से कोई रेखा निकलकर ऊपर की ओर जाती है तो ऐसे व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। यदि मणिबंध से कोई रेखा निकलकर चन्द्र पर्वत पर जाए तो ऐसा व्यक्ति जीवन में कई विदेश यात्राएं करता है।

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